फुटबॉल और तीरंदाजी के खेलों में लगभग 600 जनजातीय बालक-बालिकाओं ने हिस्सा लिया
शहर सत्ता \रायपुर| 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का सोमवार को समापन हुआ। समापन समारोह के दौरान फुटबॉल के फाइनल मैच में संथाल परगना ने केरल को पेनाल्टी शूट में एक के मुकाबले चार गोलों से हराकर चैंपियन की ट्रॉफी जीती। केरल की टीम उपविजेता रहीं, वहीं झारखण्ड की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। तीरंदाजी की प्रतियोगिता में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालक तीरंदाज और कर्नाटक की बालिकाएं छायी रहीं। इस पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल और तीरंदाजी के खेलों में लगभग 600 जनजातीय बालक-बालिकाओं ने हिस्सा लिया। अण्डमान, निकोबार से लेकर पूरे देश के लगभग 30 प्रांतों से जनजातीय खिलाड़ी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हुए। पड़ोसी देश नेपाल से भी खिलाड़ियों के एक दल ने तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष केदार कश्यप और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कोटा स्टेडियम पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया| उन्होंने सभी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और बेहतरीन खेल दिखाने के लिए सभी का हौसला बढ़ाया। समापन समारोह में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह, अखिल भारतीय खेल-कूद प्रमुख फूल सिंह लेप्चा, राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट, छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष उमेश कच्छप और संगठन मंत्री रामनाथ कश्यप, सचिव अनुराग जैन और स्वागत समिति के सचिव अमर बंसल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रवीण ढोलके, सह संगठन मंत्री सुभाष बडोले, पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग प्रमुख प्रोफेसर राजीव चौधरी, वनवासी विकास समिति महानगर रायपुर के अध्यक्ष रवि गोयल और सचिव राजीव शर्मा सहित सह खेल-कूद प्रमुख पंकज सिंह, संगीता चौबे, डॉ. विजय साण्डिल्य, डॉ. आशुतोष साण्डिल्य, डॉ. मीना मूर्मू, टिशेन भगत गोपाल वियानी भी उपस्थित रहे।
फुटबॉल के 22 मैच, 122 गोल, 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से
24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में फुटबॉल के जनजातीय खिलाड़ियों ने अपना खूब जौहर दिखाया। पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल के 22 मैच कोटा स्टेडियम और यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर खेले गये। जनजातीय खिलाड़ियों ने इन मैचों में 122 गोल दागकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। खेल के प्रति खिलाड़ियों का समर्पण और उनकी कुशलता इसी से सिद्ध होती है कि पूरी प्रतियोगिता में 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से हुआ। फुटबॉल के खिलाड़ियों ने एक से बढ़कर एक प्रतिभावों का प्रदर्शन किया। अंत में संथाल परगना ने चैंपियन्स ट्रॉफी जीती और केरल उपविजेता रहा। संथाल परगना के गोलकीपर विनय कुण्डू ने फाइनल मैच में पेनाल्टी शूट के 4 गोल बचाकर सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का मेडल प्राप्त किया वहीं संथाल परगना के ही खिलाड़ी विमल मराण्डी मेन ऑफ द टूर्नामेंट रहें। फाइनल मैच में केरल के खिलाड़ी अभिनंद को मेन ऑफ द मैच घोषित किया गया।