
शहर सत्ता / रायपुर। छतीसगढ़ विधानसभा (Dr Raman Singh) का बजट सत्र चल रहा है। सत्र का आगाज़ 24 फरवरी 2025 को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुआ। जहां 3 मार्च को सूबे के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार का बजट पेश किया। वहीं सदन में अब तक विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों ने सरकार से महत्वपुर्ण मामलों पर तीखे सवाल किए है।
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बजट सत्र में अब तक की कार्यवाही को अगर देखा जाए तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह “आसंदी” से सदन के सदस्यों के साथ न्याय करते नज़र आए है। सदन में विपक्ष को बराबर बोलने का समय मिला, उनके मुद्दों पर खुद उन्होंने सरकार के मंत्रीयों को पितृत्व भाव से डांट फ़ाटकार सदन में स्पष्ट और पूर्ण जवाब भी दिलवाए। वहीं सरकार को भी कई मर्त्तबा चुकने पर फटकार लगाई है। वहीं सदन में गंभीर चर्चाओं को पूर्ण कराने और हास परिहास के साथ सदन का संचालन भी उनके द्वारा बाखूबी किया जा रहा है। जिसके कई उदाहरण देखने को मिलते है।
देरी से सुचना पर दिए कार्यवाही के निर्देश
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल शुरू ही हुआ था तभी स्पीकर डॉ. रमन सिंह (Dr Raman Singh) ने सदन में अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक डॉ. देवचरण सिंह मधुकर के निधन की सूचना दी। जिसके बाद मुख्यमंत्री, स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष समेत सभी ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं इस दौरान निधन सूचना में देरी पर विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में सवाल उठाए। जिस पर सदन के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी देर से निधन सूचना मिलने पर तीखी नाराजगी जताई। जब की इसके पहले ही उन्होंने देर से सुचना, जवाब मिलने को आपत्तिजनक बताया था। अब की बार विधनसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने दोषी अफसरों पर कार्रवाई के लिए सरकार को निर्देश दे दिए हैं। साथ ही कार्रवाई से इसी सत्र में सदन को अवगत कराने के लिए भी कह दिया है।
“आप धैर्य रखिए” मंत्री जी जवाब दे रहे है…
स्वास्थ्य विभाग में रिएजेंट सहित उपकरण और सामग्री खरीदी में करोड़ों के घोटाले से जुड़ा सवाल सत्ता पक्ष के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा था। सवाल-जवाब के बीच ही विधायक अजय चंद्राकर और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के बीच तीखी नोंक-झोंक भी हुई। सवाल के अनुरुप जवाब ना आने पर विधायक चंद्राकर भड़कते हुए बोल गए कि “भाषण के बजाय सवालों का साफ-साफ जवाब दें।” वरिष्ठ विधायक और पहली बार विधायक चुनकर सीधे मंत्री बने श्याम बिहारी जायसवाल के बीच नोंक-झोंक होते देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने सदन के सदस्य अजय चंद्राकर से दो टूक में कहा कि “आप धैर्य रखिए…मंत्री जी सवालों का जवाब दे रहे हैं।”
महंत को दिया एक हफ़्ते का समय
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे ही दिन नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने रायपुर जिले के अभनपुर में मुआवजा घोटाले पर जानकारी मांगी थी। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के अनभिज्ञता जताने पर महंत नाराज हुए थे। महंत ने कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के बारे में पूछा था, मगर राजस्व मंत्री ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। तब महंत इस बात से नाराज थे कि काफी समय पहले सवाल लगाने के बाद भी राजस्व मंत्री के पास कोई जानकारी नहीं है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि अगली बार जब भी राजस्व विभाग का प्रश्नकाल होगा, उस दिन सबसे पहले इस पर चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद 12 वें दिन राजस्व विभाग के प्रश्नकाल के चलते पहला सवाल चरणदास महंत का था।
प्रश्नकाल प्रारंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान जवाबों का पुलिंदा दिखाते हुए खींचा कि पांच मिनट पहले राजस्व विभाग ने जवाब भेजा है, अब इसे कैसे पढ़कर मैं सवाल पुछूंगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने राजस्व विभाग के इस आचरण पर चिंता जताई और कहा कि 25 फरवरी को मैंने खासतौर से निर्देश दिया था कि टाईम पर जानकारी मुहैया करा दी जाए, मगर ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने व्यवस्था देते हुए सभी विभागों से कहा कि वे सही समय पर जानकारी सदस्यों को दी जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्व मंत्री को निर्देश दिया कि अगले हफ्ते पहले दिन इस पर सवाल करने के लिए डेट मुकर्रर किया जाता है। याने अगले सप्ताह सोमवार को अभनपुर मुआवजा घोटाले पर सवाल-जवाब होगा।
मंत्रियों को हिदायत…पूरी तैयारी से आएं
बजट सत्र में वरिष्ठ भाजपा विधायकों ने ही डिप्टी सीएम अरुण साव को तीखे सवालों से घेर लिया था। अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और मोतीलाल देवांगन ने चुभते सवाल पूछे। बार-बार मंत्री को जवाब देने से बचते देखकर स्पीकर डॉ. रमन सिंह (Dr Raman Singh) ने मंत्रियों को ठीक से जवाब देने की नसीहत दी। दरअसल सदन में जनजीवन मिशन से जुड़े सवाल राजेश मूणत ने किए थे। मूणत के साथ सवाल का जवाब साव दे ही रहे थे तभी चंद्राकर और मोतीलाल ने भी सप्लीमेंट्री सवाल दाग दिए। मंत्री साव हड़बड़ा गए और स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए थे। तब स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने जनजीवन मिशन मामले में मंत्रीगणों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सदन में जो जानकारी देने की बात कही जाती है, उसे निर्धारित समय में सदस्यों को उपलब्ध कराया जाए। सदन में फिर से इस विषय पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। स्रोतविहीन गांव होंगे वहां संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए ये भी काह दिया कि सभी तैयारी से आएं।