कभी आधी रात तो कई दफा अलसुबह पुलिस की दबिश से मेहनतकश मज़दूर होते हैं हलाकान
शहर सत्ता/रायपुर। BSUP कालोनी मुजगहन में अलसुबह 4 बजे रायपुर जिला पुलिस बल के 200 अफसर-जवान घेरा डाले हुए थे। गरीबों का आशियाना BSUP आवास एरिया में मेहनतकश मजदूर परिवार और उनके छोटे बच्चे एकसाथ इतनी पुलिस को देखकर खौफजदा भी थे। पूरा इलाका पुलिस की नजर में संदिग्धों से भरा लग रहा था। तभी तो खाखी वर्दी और कंधे पर चमचमाते सितारे, अशोक रैंक लगाए अफसर दिनभर रोजी-रोटी के लिए थकने वालों को ऐसे ट्रीट कर रहे थे मानों PM आवास में सभी अपराधी और उन्हें शरण देने वाले हों।
जब अफसर अनाउंस कर रहे थे तब वहां रहने वाली महिलाएं, बच्चे खुद को बेइज्जत महसूस कर रहे थे। ऐसा महसूस करना कुछ हद तक लाजमी भी है, क्योंकि किसी के भी घर या झोपड़े में अगर जब चाहे तब ढेर सारी पुलिस आधी रात या अलसुबह घुसकर उनकी नींद हराम करे तो कदाचित न्यायपूर्ण नहीं माना जा सकता हैं। बता दें कि रायपुर में अधिकांश BSUP कालोनी में आये दिन पुलिस की यह दबिश अगर सार्थक होती तो शहर से अपराध लगभग नियंत्रित किया जा सकता था।
सुलगते सवाल
1. क्या सिर्फ गरीबों के BSUP आवास ही अपराधियों का अड्डा हैं?
2. शहरी सीमाओं की कई निजी कॉलोनियों में पुलिस दबिश क्यों नहीं?
3. आधी रात्त तक अवैध तरीके से दुकानें खुली रखने वाले इलाकों को छूट क्यों?
4. पुलिस ने कितने नीजि बिल्डर्स की कॉलोनी और अपार्टमेंट की तस्दीक की है?
5. BSUP कॉलोनियों में अब तक कितनी बार रायपुर पुलिस की दबिश में अपराधी मिले?
ऐसा होना चाहिए
1. रायपुर पुलिस BSUP कालोनी में रहने वालों की सोसायटी क्यों नहीं गठित करवाती
2. BSUP कालोनी में जिनके नाम पर आवास हैं उनकी सूची निगम से लेनी चाहिए
3. BSUP कालोनी में जो अपराधियों को शरण देते हैं उनका आवंटन रद्द करना चाहिए
4. BSUP कालोनी में रहने वाले किसी परिवार का बच्चा अपराध में लिप्त है तो उसकी शिनाख्त करे
5. रायपुर शहर की सीमाओं में बसे BSUP कालोनी में संबंधित थाना प्रभारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
Gud news sach me sari afat garibon ko hi jhelna padta h