शहर सत्ता / रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में हुए भर्ती घोटाले में CBI तेज़चाल में कार्यवाही कर रहा है। हाल ही में हुई गिरफ्तारियों के बीच सोमवार को प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने एक बड़ा बयान दिया है। सिंहदेव ने इस मामलें को लेकर कहा कि “उसमें गड़बड़ियों की बातें सामने आ रही हैं। युवा उस समय काफी नाखुश हुए थे।”
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सिंहदेव ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने के पीछे भी इसे एक अहम वज़ह बताई है। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन न होने के पीछे एक प्रमुख कारण पीएससी घोटाला भी था। मुझे लगता है कि कांग्रेस की सरकार इस विचार में रह गई गलती हुई नहीं हमने तो कुछ किया नहीं तो ऐसा कोई समझेगा नहीं।”
सुनिए पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने क्या कुछ कहा…
सौ.आईएएनएस :
रायपुर, छत्तीसगढ़: कांग्रेस नेता टी.एस. सिंह देव ने CGPSC भर्ती घोटाला पर कहा "उसमें गड़बड़ियों की बातें सामने आ रही हैं। युवा उस समय काफी नाखुश हुए थे। कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन न होने के पीछे एक प्रमुख कारण पीएससी घोटाला भी था…।" pic.twitter.com/m3p8SK9GrR
— IANS Hindi (@IANSKhabar) January 13, 2025
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाला मामले में CBI की ने रविवार को पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भतीजे साहिल के साथ शशांक गोयल और भूमिका कटियार को अरेस्ट किया था। सीबीआई द्वारा गिरफ्तार शशांक गोयल और भूमिका कटियार, बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे और बहु हैं। इससे पहले डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन को लेकर सीबीआई ने भूमिका से पूछताछ की थी, जिसके बाद यह गिरफ्तारी की गई है। इससे पहले शनिवार को CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया था।
CGPSC में भर्ती घोटाले का ये है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। आयोग ने साल 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया था, जिसमें 2,565 अभ्यर्थी मेंस के लिए क्वालीफाई हुए थे। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है। जिसकी जाँच विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने CBI को सौपी थी।